स्वागत है गांधी संग्रहालय एवं पुस्तकालय, लखनऊ में

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उत्तर प्रदेश गांधी स्मारक निधि

गांधी संग्रहालय एवं पुस्तकालय लखनऊ

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के महाप्रयाण के बाद गांधी स्मारक निधि का संचालन राष्ट्रीय स्तर पर हुआ। सर्वप्रथम धन संग्रह समिति का गठन किया गया और केंद्रीय गांधी स्मारक निधि से प्राप्त धन पर आधारित योजनाएँ, सलाहकार समिति के निर्देशानुसार स्वायत्त संस्थाओं/सेवा केंद्रों द्वारा शहरों में गांधी तत्व प्रचार के माध्यम से संचालित होती रही। वर्ष 1962-63 में गांधी स्मारक निधि भारतीय अधिनियम की धारा 21, 1860 के पंजीकरण अधिनियम के अन्तर्गत पंजीकृत स्वायत्त दातव्य संस्था बनी। जिसका प्रधान कार्यालय सेवापुरी जनपद वाराणसी तथा कैम्प कार्यालय गांधी भवन लखनऊ में स्थित है। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम सेवा केन्द्रों, , आदिवासी सेवा, हरिजन सेवा,भंगी कष्ट मुक्ति,कुटीर उद्योग, पहाड़ी क्षेत्र में सेवा कार्य, गांधी तत्व प्रचार व प्रसार का कार्य करती रही। उत्तरप्रदेश गांधी स्मारक निधि खादी ग्रामोद्योग आयोग द्वारा प्रमाण पत्र प्राप्त कर खादी ग्रामोद्योग का कार्य सन् 1962 से कर रही है।

उत्तर प्रदेश गांधी स्मारक निधि के मुख्य उद्देश्य – मानवीय, समानता, भाई-चारा और परस्पर सहयोग की भावना को समाज में व्याप्त कर समाज में स्वालंबन का संचालन तथा विकास कार्य को संपादित किया जाना है। यह सम्पूर्ण कार्य महात्मा गांधी के मनक्रम वचन को आधार मान कर चल रहा है। गाँधी भवन लखनऊ उत्तर प्रदेश तथा अनासक्ति स्मारक भवन कौसानी उत्तराखंड जिसके अध्यक्ष श्री रामचन्द्र राही एवं मंत्री श्री लाल बहादुर राय हैं।

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Our Work

उत्तर प्रदेश गांधी स्मारक निधि के कार्यक्रम के मुख्य अंग:

आज ही पधारें और गांधीजी के विचारों की जीवंत झलक पाएं।

यह संग्रहालय और पुस्तकालय, उनके सिद्धांतों जैसे सत्य, अहिंसा, स्वराज और ग्राम स्वराज को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य करता है।यह संस्था महात्मा गांधी के जीवन और कार्यों से संबंधित सामग्री के संरक्षण, अध्ययन और प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित है। यहाँ पर गांधीजी के पत्र, तस्वीरें, दुर्लभ पुस्तकें, वस्त्र, और उनके आंदोलन से जुड़ी वस्तुएँ प्रदर्शित की गई हैं।

शांति, सेवा और स्वराज की सीख

हर कदम गांधी के पथ पर

दृष्टिकोण

दृष्टिकोण

हमारा दृष्टिकोण एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जो अहिंसा, सत्य, शांति और समानता के मूल्यों पर आधारित हो, जहाँ नागरिक विचारशीलता, सामाजिक उत्तरदायित्व और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित हों।

मिशन

मिशन

महात्मा गांधी से जुड़ी दुर्लभ वस्तुओं, दस्तावेज़ों, और साहित्य का संरक्षण एवं प्रदर्शन करना।विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं आमजन को गांधीजी के विचारों और सिद्धांतों से अवगत कराना।

पारदर्शिता

पारदर्शिता

हमारे सभी क्रियाकलापों की जानकारी वेबसाइट और सार्वजनिक रिपोर्टों के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है। किसी भी प्रकार के अनुदान, दान या व्यय की जानकारी समय-समय पर प्रकाशित की जाती है।